दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) अक्सर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर हमले बोलते रहते हैं और ऐसा हो भी क्यों ना, सिंधिया की वजह से मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार चली गई थी. उन्होंने कांग्रेस के साथ बगावत करके बीजेपी से हाथ मिलाकर कांग्रेस की सरकार गिराकर मध्यप्रदेश में एक बार फिर से बीजेपी को सत्ता में ला दिया था. इसके बाद से ही दिग्विजय जब भी मौका मिलता है सिंधिया पर हमले करने से पीछे नहीं हटते
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किसी भी प्रकार के झगड़े से इनकार किया है. उन्होंने सिंधिया को अपने बेटे जैसा बताया है. दिग्विजय सिंह ने कहां की उनके पिता माधवराव को कांग्रेस में लाने में उनकी बड़ी भूमिका थी. वह तो ज्योतिरादित्य को मुख्यमंत्री बनाने के विपक्ष में थे, लेकिन पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह डिप्रेशन में चले गए थे.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने तो कमलनाथ और सिंधिया के बीच समझौता कराने की भी कोशिश की. लेकिन सिंधिया अति महत्वाकांक्षा के शिकार हो गए वह कुर्सी से दूर नहीं रह सकते इसलिए कांग्रेस छोड़ बीजेपी में चले गए. दिग्विजय ने कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार चली जाने के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदार बताया है. दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी ने कांग्रेस छोड़ने वाले हर विधायक को 20 से 35 करोड़ दिया और सिंधिया ने सौदा पटाया.
इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने कहा है कि नेशनल हेराल्ड केस में कार्यवाही साजिश के तहत हो रही है. 1 न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में पैसों का कोई लेन-देन नहीं हुआ है. ईडी इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी से पूछताछ कर चुकी है, जबकि उनके खाते से ना पैसे निकले और ना ही खाते में जमा हुए. ऐसे में इस मामले में पैसों की चोरी या गबन का आरोप निराधार है. यह केवल गांधी नेहरू परिवार को बदनाम करने की साजिश है.