महाराष्ट्र के नए नवेले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है. इसके बाद शिंदे गुट की तरफ से नए नवेले स्पीकर राहुल नार्वेकर को एक याचिका दी गई. इस याचिका में उद्धव ठाकरे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है. इसमें उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम इन 16 विधायकों में शामिल नहीं किया गया है.
शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले ने कहा है कि, हमने आदित्य ठाकरे को छोड़कर व्हिप की अवहेलना करने वाले सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का नोटिस दिया है. बाला साहब ठाकरे के प्रति सम्मान के कारण हमने आदित्य ठाकरे को नोटिस नहीं दिया.
दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे खेमे की तरफ से भी शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक लीगल पिटिशन डाली गई थी. पिछले महीने डिप्टी स्पीकर नरहरी जरवाल ने शिंदे गुट के विधायकों को नोटिस दिया था. उधर एकनाथ शिंदे गुट ने अपना चीफ व्हिप भरत गोगावले को बनाया था. इसके बाद गोगावले शिवसेना द्वारा सुनील प्रभु को चीफ व्हिप अप्वॉइंट करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को सुनवाई करेगी.
दूसरी तरफ बात करें पूरे प्रकरण की तो शिंदे गुट के पास दो तिहाई से अधिक विधायकों का समर्थन है. सोमवार को विधानसभा में वोटिंग के दौरान ठाकरे गुट का एक और विधायक एकनाथ शिंदे खेमे में चला गया. इसके साथ ही शिंदे गुट के विधायकों की संख्या बढ़कर 40 पहुंच गई है. अब शिंदे गुट ने असली शिवसेना होने का दावा किया है. एकनाथ शिंदे के गुट ने बाला साहब ठाकरे की विरासत पर भी दावा किया है.