कई दिन तक चली राजनीतिक उठापटक के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है. यह विपक्षी दलों की एकता के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि झामुमो झारखंड में कांग्रेस और आरजेडी के साथ मिलकर सरकार चला रहा है.
झामुमो द्रोपदी मुर्मू का समर्थन कर सकता है, इस बात की अटकलें कई दिनों से लगाई जा रही थी. 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है और अब तक कई विपक्षी दल द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आगे आ चुके हैं. राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के चयन के वक्त जब विपक्षी दल एकजुट हुए थे तो कहा गया था कि एक मजबूत और संयुक्त उम्मीदवार उतारा जाएगा. लेकिन धीरे-धीरे एक के बाद एक कई विपक्षी राजनीतिक दल घोषित उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का साथ छोड़ते गए.
झामुमो के द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की एक बड़ी वजह द्रौपदी मुर्मू का आदिवासी होना बताया जा रहा है. लेकिन इसके दूसरे पहलू भी है जिसको लेकर कुछ बुद्धिजीवी और पत्रकार अपनी राय प्रकट कर रहे हैं.
1) चार दिन पहले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनीधि का यहां ED का छापा।
2) हेमंत पर mining case में EC की घेराबंदी।
3)हेमंत दिल्ली में शाह से मिले
4)बीजेपी ने mining case में ढील दी, सुनवाई टली
Target Achieved 👇
5) हेंमत ने द्रौपदी मूर्मू के समर्थन का ऐलान किया !
— Deepak Sharma (@DeepakSEditor) July 15, 2022
द्रौपदी मुर्मू को कई विपक्षी दलों का समर्थन मिल चुका है. बीएसपी, बीजू जनता दल, शिरोमणि अकाली दल, तेलुगू देशम पार्टी सहित कई विपक्षी दल एनडीए की उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं.
जबकि कुछ विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के साथ कांग्रेस, एनसीपी, टीआरएस, आरजेडी, राष्ट्रीय लोक दल, समाजवादी पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, TMC आदि दलों का समर्थन है. आपको बता दें कि यशवंत सिन्हा को पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के करीबियों में शुमार किया जाता रहा है. वह 1999 में बनी बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं.